Tuesday, August 5, 2008

कब लेंगे सबक

देश में धार्मिक स्थलों पर हर साल अफवाह फैलती हैं और भगदड़ मचती है, जिससे सैकड़ों लोगों की जानें जाती हैं। फिर भी ऐसी घटनाओं से सबक नहींलिया जाता है, अगर सबक लिया जाता होता तो रविवार को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित नयना देवी मंदिर में हादसा न होता। और न ही करीब डेढ़ सौ लोगों की जान जाती। क्योंकि नयना देवी मंदिर में पच्चीय साल पहले भी अफवाह के चलते मची भगदड़ में करीब पचपन लोगों की जान गई थी।

खासकर भीड़-भाड वाले स्थलों पर तो व्यवस्था का खास ध्यान रखा जाना चाहिए, पर हमारे नीति नियंता धार्मिक स्थलों खासकर भीड़-भाड़ वाले स्थलों को रामभरोसे छोड़ देते हैं।

कहते हैं कि
मुश्किलें दिल के इरादे आजमाती हैं।
स्वप्न का पर्दा निगाहों से हटाती हैं।।
हौसला मत हार गिरकर ओ मुसाफिर।
ठोकरें इंसान को चलना सिखाती हैं।।

फिर भी शायद हम ठोकरें खाने के आदी से हो गए हैं, अगर आदी न हो गए होते तो हर ठोकर से हम कुछ न कुछ सबक जरूर लेते।

3 Comments:

At August 5, 2008 at 11:29 PM , Blogger सचिन मिश्रा said...

टिप्पणी के लिए अग्रिम धन्यवाद

 
At August 6, 2008 at 1:22 AM , Blogger Udan Tashtari said...

अफसोसजनक स्थितियाँ....

 
At August 7, 2008 at 3:49 AM , Blogger राज भाटिय़ा said...

व्यवस्था का सही ना होना ही इस दुर्घटना का कारण हे,दुसरा लोगो का बिना सोचे समझे भागना, लेकिन बहुत ही अफसोसजनक .

 

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