Wednesday, August 13, 2008

अफवाह या हकीकत

फिर दूध पीन लगीं मूर्तियां, अफवाह है या हकीकत यह कोई न जाने।
लोग सरपट भाग रहे हैं, मूर्तियों को दूध पिलाने।।

कब तक लोग यूं ही भागते रहेंगे अफवाहों के पीछे।
हकीकत भी जानेंगे या आप भी भाग रहे हैं लोगों के पीछे।।

2 Comments:

At August 13, 2008 at 3:17 AM , Blogger Udan Tashtari said...

भगवान उतर आये हैं धरती पर-सुप्रिम कोर्ट के आर्डर को धता बताने. :)

 
At August 13, 2008 at 7:27 PM , Blogger सचिन मिश्रा said...

टिप्पणी के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.

 

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