खुदा भी आसमां से...
खुदा भी आसमां से जब देखता होगा
मैंने यह क्या कर डाला सोचता होगा
चाह थी उसकी सब लोग मिलकर रहेंगे
यह न जाना अपनों को भी नहीं बख्शेंगे
बहन ही बहन को धकेल देगी सेक्स रैकेट में
महिला ही महिला को बेच देगी चंद रुपयों में
और बाप ही लूट लेगा बेटी की आबरू
गुरुदक्षिणा में सेक्स मांगेंगे कलियुगी गुरु
जाने कहां चली गई लाज, शर्म और इज्जत
काश ! तुम अब भी जाते चेत.
2 Comments:
aaj nahi to kal chetenge hi.prayas jaari rahe.achha likha aapne badhai
bahut kadwi kavita hai...dekhen ab kab chetenge...
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