नहीं तो क्या होगा अंजाम
अगर सुरसा के मुंह की तरह यूं ही बढ़ती रही आबादी तो क्या होगा अंजाम? इसलिए जरूरत है अब भी चेत जाने की। हमें सीमित परिवार रखने के लिए 'हम दो हमारे दो' के स्थान पर 'हम दो हमारा एक' का नारा देना होगा। देश की 1.2 अरब आबादी के साथ 11 जुलाई को हम विश्व जनसंख्या दिवस मनाने जा रहे हैं। अब जरूरत है जनसंख्या विस्फोट पर कानून बनाए जाने की।
'धरती कहती है मानव से सुख का सच्चा पथ अपनाओ, जनसंख्या का भार बढ़ा है अब न इसे तुम और बढ़ाओ'