Sunday, July 11, 2010

नहीं तो क्या होगा अंजाम


अगर सुरसा के मुंह की तरह यूं ही बढ़ती रही आबादी तो क्या होगा अंजाम? इसलिए जरूरत है अब भी चेत जाने की। हमें सीमित परिवार रखने के लिए 'हम दो हमारे दो' के स्थान पर 'हम दो हमारा एक' का नारा देना होगा। देश की 1.2 अरब आबादी के साथ 11 जुलाई को हम विश्व जनसंख्या दिवस मनाने जा रहे हैं। अब जरूरत है जनसंख्या विस्फोट पर कानून बनाए जाने की।
'धरती कहती है मानव से सुख का सच्चा पथ अपनाओ, जनसंख्या का भार बढ़ा है अब न इसे तुम और बढ़ाओ'

3 Comments:

At July 11, 2010 at 2:09 AM , Blogger SACCHAI said...

'धरती कहती है मानव से सुख का सच्चा पथ अपनाओ, जनसंख्या का भार बढ़ा है अब न इसे तुम और बढ़ाओ'

sahi kaha hai aapne

aabhar

----- eksacchai {AAWAZ }

http://eksacchai.blogspot.com/2010/07/blog-post.html

 
At July 11, 2010 at 3:11 AM , Blogger Udan Tashtari said...

चेतना तो पड़ेगा...

 
At July 11, 2010 at 3:23 PM , Blogger Hi..Raj here said...

nice.
http://rajindian99.blogspot.com/

 

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