Saturday, July 11, 2009

शादी और आबादी


देश में राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की घोषणा के बाद सरकार ने आपातकाल के दौर में जबरन नसबंदी का अभियान चलाया था। लेकिन बाद में केंद्र में सत्ता में आई जनता पार्टी की सरकार ने पूर्ववती कांग्रेस सरकार की इस नीति को बाध्यकारी से ऐच्छिक नसबंदी कार्यक्रम में तब्दील कर दिया। फिर भी आबादी बढ़ती गई।

इसके बाद ‘हम दो-हमारे दो’ जैसे नारों के बावजूद आबादी में इजाफे की दर काबू में नहीं आ रही है, और अधिकतर राज्य जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में अब भी धीमी गति से ही आगे बढ़ रहे हैं।

अब स्वास्थ्य मंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद देश की बढ़ती आबादी को कम करने का एक अनूठा नुस्खा़ लाए हैं। उनका कहना है कि देर से शादी की जाए तो जनसंख्या में बढ़ोतरी पर रोक लगेगी। पर क्या यह मुनासिब है?

आजाद का यह कहना कि गांवों में विद्युतीकरण से जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण में मदद मिल सकती है। बिजली के कारण घरों में टेलीविजन की पहुंच होगी, जिससे जनसंख्या वृद्धि नियंत्रित होगी। जब बिजली नहीं रहती है तो लोग जनसंख्या वृद्धि की प्रक्रिया में लग जाते हैं। लेकिन जहां पर टीवी की पहुंच है, क्या वहां जनसख्या में इजाफा नहीं हुआ है?

जरूरत है बढ़ती जनसंख्‍या को रोकने के लिए जरूरी है कि जमीनी स्तर पर आम लोगों को परिवार की सदस्य संख्या बढ़ाने के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दिए जाने की। इसके साथ ही उन्‍हें छोटे परिवार के फायदे बताए जाने की भी आवश्‍यकता है। जब तक लोग खुद नहीं चेतेंगे, तब तक आबादी यूं ही बढ़ती रहेगी।

2 Comments:

At July 11, 2009 at 11:55 PM , Blogger राज भाटिय़ा said...

वाह हमारे मंत्री कितने समझ दार है, तभी तो युरोप मै बच्चे कम है, जनसख्या पर तभी तो नियंत्रन है, क्यो कि यहां, कभी बिजली जाती ही नही, ओर लोग सारा दिन टी वी ही देखते है.....:)वाह क्या सोच है

 
At July 12, 2009 at 7:02 AM , Blogger Udan Tashtari said...

सत्य वचन!!

 

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